शांत, शिथिल
फिर लहरदार तेरी अदा,
किसी समंदर की लहरों सी थी,
जिसपर मैं मर मिटा था,
मैं तेरे प्रेम में उस नाव की तरह धारा के साथ-साथ बहता गया,
टकराता गया चट्टानों से,
कुछ टूटा, कुछ बिखरा
तेरे ख्याबो में,
कुछ देर बाद सम्भल गया
जैसे लहरें शांत होती।
फिर लहरदार तेरी अदा,
किसी समंदर की लहरों सी थी,
जिसपर मैं मर मिटा था,
मैं तेरे प्रेम में उस नाव की तरह धारा के साथ-साथ बहता गया,
टकराता गया चट्टानों से,
कुछ टूटा, कुछ बिखरा
तेरे ख्याबो में,
कुछ देर बाद सम्भल गया
जैसे लहरें शांत होती।
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