ये जो रंगत है, ये जो संगत है ये तो तुम्हारे(मुस्कान) से है, तुम(किस्मत) कितना ज़ोर लगा लो, ये जो मुस्कान है, तुम सिर्फ कुछ पल के लिए ही रोक सकते हो मगर जानते हो समय और वक़्त सबका है, मुस्कान तो रहेगा जबतक रहेगी ये रंगत ये संगत ये जो यारी है बरसो पुरानी है तुम्हरे बिगड़ने से कुछ नही होगा कुछ देर अलग कर सकते हो मगर हम तो आएंगे नए रूप, नए रंग में, उस समय वक़्त भी मेरा होगा और वार भी, मुस्कान से रहेगी ये रंगत ये संगत ~~~~मिन्टू
दिखाई दिए भी तो ऐसे जैसे चांद हो गए, चले भी गए तो ऐसे जैसे मरीचिका हो गए।