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जून 11, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कभी बन न सका

भावनाओ में बह जाता हूँ लेकिन कभी नदी न हो सका, गुस्सा हो जाता हूं मगर कभी पत्थर न हो सका, टूट जाता हूँ मगर कभी काँच न हो सका, बिखर जाता हूं लेकिन कभी किसी के  राहों का फूल न हो सका, सिमट जाता हूँ मगर कभी पन्ना न हो सका , लिख पाता हूँ लेकिन कभी कलम न हो सका । ~~~~मिन्टू