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जनवरी 15, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रेम

जिनके अंदर इतना प्रेम हो, भला वो दूर क्यों रहेगी प्रेम से ? आहिस्ता-आहिस्ता प्रेम में पड़ कर वो खुद को और मजबूत करेगी, बस इतना ही नही वो तो उस रात सजायगी खुद को डूबती जायगी ख्वाबो में एक सुबह के इंतजार में ताकि उसे एहसास हो प्रेम के उस अंतिम छोर का जो निसन्देह बहुत खूबसूरत होगा उस लालिमा की छांव में और गाढ़ा होता जायेगा उसका प्रेम । ©मिंटू/@tumharashahar