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अप्रैल 9, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गर्भ में

 Pic-@pinterest  मैं पृथ्वी हूँ मेरे कोर में समाया है गुस्से के रूप में ज्वालामुखी मेरे कोख में पल रहा है हरयाली जो आने वाले समय में देगा "कोहिनूर" सा फल एक स्त्री के रूप में जिसको हर पड़ाव पर  लांघा जाएगा किसी पुरुष, महिला या किसी सरकारी तंत्र के योजना के तहत  तब मैं लड़ते रहूंगी छुईमुई की तरह  ढोंगी समाज से, अपने परिजन से अपने पति से.. पति वो जिसको हमने माना है  "परमेश्वर " लेकिन क्या परमेश्वर से लड़कर मैं  पाप का भागीदार बन सकती हूँ ? शायद "हां" परंतु ध्यान रहें समय और धैर्य के आगे  अपने बचाव के लिए किया गया कार्य पाप नही होता वो अलगाव और बचाओ का एक जरिया है जिसपर पैर रख मैं स्वर्गलोक तक पहुंच पाऊँगी । @tumharashahar0