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अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इंतजार

वो नादान लड़कीं, मासूम , भोली सी, आज भी उसी पेड़ की छांव में करती है मेरा इंतजार, आज भी वो उसी उम्मीद में जी रही है कि मेरा साजन आएगा, मगर वक़्त को क्या भरोसा, उसकी आश को भी तोड जाएगा, दिल की साफ, मन की पवित्र चंचल अदाकारा वाली लड़की, अपना सबकुछ छोड़कर बस करती रही प्रकृति के साथ-साथ मेरा इंतजार, उसे क्या पता था किस्मत उसकिंकया रंग लाएगी मगर वो अडिग रही, तन से , मन से, और करती रही मेरा इंतजार उसी पेड़ की छांव में । ~~~मिन्टू

वो पागल लड़की

पागल सी लड़की, कोमल, नाज़ुक सी आँखों से करती थी वो शिकार अपने महबूब का, जुल्फों से फसा लेती थी, करती थी होंठो से घायल लफ़्ज़ों से चलाती थी खंजर अपने महबूब पर वो पागल सी लड़की, जब भी करती थी  सोलहों श्रृंगार मचलने लगते थे सरफिरे आशिक़ मछलियों की तरह, कोमल अदा की अदाकारा थी वो जो सजाते रहती थी शब्दो से दिल की बात कोरे कागज पर, जो लिखा करती थी अपने महबूब के नाम खत, वो पागल सी लड़की, कर देती थी अपनी मुस्कान से वार होते थे कई कायल उनके तो कई मर-मिटने को होते थे तैयार, जब भी पहनती थी हल्की कोई रंग के वस्त्र, भूल जाते थे सब कोई इश्क का मंत्र, सुध-बुध खो जाते थे सब जब देखा करते थे उसे राह में थी वो अपनी शहर की एक कली रहती थी गुमनाम मगर उसके भी होते थे नाम कई के होंठो पर तो कई के दिलो पर वो पागल सी लड़की आज भी किसी के इंतजार में खोती जा रही है अपना वजूद, अपना नाम, अपना काम.....

तन्हा हूँ

जब तुम्हारे दिल मे कुछ नही तो मेरी इतनी फिक्र क्यूँ ? मैं तो आज भी अकेला हुँ अगर तुम चाहो तो मेरा हाथ थाम सकती हो मुझे अपना बना सकती हो बस विश्वास रखना होगा तुम्हे की मैं आज भी अकेला हूँ... मैं ये नही कर रहा कि मैं बहुत अच्छा हूं हो सकता है मेरे बातों से मेरे स्वभाव से तुम्हे प्यार हो जाये मगर ये मत कहना कि इश्क ऐसे नही होता, ये मत कहना कि मिले हुए चार दिन तो हुए है और प्यार  कैसे हो गया ये तो  दो पल की एहसास है जो समझ लो तो प्यार ही प्यार है नही तो कुछ नही.... हाँ मगर इतना ज़रूर कहूंगा कि मैं तुम्हे पसन्द करने लगा हूँ... और मैं आज भी अकेला हु अगर तुम साथ चल सको और मुझपर विश्वास रखो तो मैं सारी उम्र तुम्हे सजा कर रखूंगा, मैं तुम्हे अपना अंग बनाकर रखूंगा, मैं तुम्हे चाहता रहूँगा क्यों कि चोट खाया इंसान वो हर पल के दर्द, प्यार को समझ सकता है अगर जो कभी न समझ पाया तुम्हे  तो बस तुम मुझे भर लेना अपनी बाहों में बना लेना मुझे अपने अज़ीज़, अपना अंग, अपना प्रेम...... क्यों कि मैं आज भी अकेला हूं तन्हा हूँ ।