अभी थोड़ा पीछे गया हूं, जो साथ चल सको तो ठहरो अभी थोड़ा वक्त लगेगा तुम तक आने में, जो तुम ठहर सको तो ठहरो वक़्त साथ दे रहा कभी कभी, तुम जीवन भर साथ दे सको तो ठहरो मेरा प्रेम तो तुम तक ही सीमित है, जो तुम अनंत तक चल सको तो ठहरो आशियाना बनाएंगे कविताओं की, जो तुम कविता बन सको तो ठहरो कोई इल्ज़ाम लग जाये मुझपर, जो तुम संभाल सकोगी तो ठहरो साथ रहेगा सदैव मेरा, जो तुम खेवइया बन सको तो ठहरो अभी थोड़ा वक्त लगेगा तुम तक आने में, जो तुम ठहर सको तो ठहरो अभी थोड़ा पीछे गया हूं, जो साथ चल सको तो ठहरो।।
दिखाई दिए भी तो ऐसे जैसे चांद हो गए, चले भी गए तो ऐसे जैसे मरीचिका हो गए।