कुछ न लिखो, चंद ख़्वाब लिखो, चंद छंद लिखो, चंद अल्फ़ाज़ लिखो, कुछ हाल लिखो, कुछ चाल लिखो, कुछ पुरानी कुछ नई सवाल लिखो, बस लिखो गुलाल ज़िन्दगी के, कुछ न लिखो, चंद प्यार, चंद तकरार लिखो, चंद सपने , कुछ अपने लिखो, ज़िन्दगी से जुड़े सारे वो पल लिखो, लिखो माँ का आँचल, लिखो पिता का सहारा, लिखो बहना का प्यार, कुछ मुझे लिखो, कुछ घर-परिवार की लिखो कुछ न लिखो चंद ख़्वाब लिखो, चंद छंद लिखो लिखो तुम कुछ घर-परिवार लिखो ।
दिखाई दिए भी तो ऐसे जैसे चांद हो गए, चले भी गए तो ऐसे जैसे मरीचिका हो गए।