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भोजपुरी- एक मिठास

(कुछ भी लिखने से पहले बता दूँ आपको  मैं जो भी लिखने जा रहा हूँ वो विकिपीडिया की सहायता से और अपने आस-पास के माहौल को देखते, सुनते हुए लिख रहा हूँ । इसमे बहुत सारे चीज़े ऐसे भी आएंगे जो कही न कही किसी न किसी रूप में कोई न कोई लिखा ही होगा फिर भी मेरी एक छोटी से कोशिश है।) भोजपुरी- एक मिठास ________________ एक मीठी आस में एक मिट्टी की प्यास में लिख रहा हूँ माँ को  जो असम्भव है। मातृभाषा सबके के लिए सबसे पहले अपनी क्षेत्रीय भाषा ही आती है उसके बाद हिंदी है जहाँ तक मैंने देखा है।  भोजपुरी नामकरण- बिहार में एक जगह है "भोजपुर" उसी के नाम पर इसका नामकण हुआ है जिसको राजा भोज ने बसाया था । (वैसे ये सब जानकारी आपको विकिपीडिया पर उपलब्ध है) विशेष- भोजपुरी एक ऐसी भाषा है जिसमें एक अलग मिठास है, अलग रस है  या यूं कहूँ इसके बोलने सुनने से मन तृप्त हो जाता है । आप अगर बच्चे के मुख से सुनेंगे इसे तो उसका रस चौगुना बढ़ जाता है और आप ललायित हो जाएगें इसे बोलने ,समझने, सीखने के लिए । इसमे एक अलग किस्म का जादू है जो नशों में रक्त का संचार बढ़ा देता है , एक अलग

मुझे नही पता मैं ....

मुझे नही पता मैं क्या हूँ लेकिन यकीन मानो मैं पूरा का पूरा गांव हूँ, मैं कितने भी डिग्री ले लूं मगर मैं रहूँगा देशी ही, मिट्टी का ही शायद तुम मुझे अनपढ़,गंवार समझ लो भला-बुरा कह लो मगर यकीन मानो मैं गाँव ही रहूँगा और रहना चाहूंगा मुझे नही चाहिए ये टाइल्स वाली, दिखावटी दुनिया मुझे तो मेरी मिट्टी पसंद है, बारिश की बूंदों के बाद का सौंधी खुश्बू, शुद्ध हवा, पवित्र पावन जल, संस्कृति,प्यार,सम्मान यकीन मानो तुम सब भी एक दिन इसी गांव की पगडंडियों को चुनोगे अपने आने वाले पीढ़ी को बताओगे इस "मिट्टी की मातृत्व" को मेरा यकीन मानो तुम सब एक दिन शहर से हो जाओगे गाँव । ©मिन्टू/@tumharashahar

माँ

माँ- क्या मां वही है जिसने जन्म दिया ? या इस धरती की हर माँ, सबके लिए माँ है ? या यूं कहूँ जिसने अपने ऊपर पूरा संसार का भार ले रखा है वो माँ है माँ की कोई परिभाषा है क्या ? क्या मां किसी एक तक सीमित है ? माँ का प्यार अनन्त है क्या मां के पास  कोई दूर दृष्टि होती है जिस से वो आने वाले समय तक को भी देख लेती है? क्या माँ के चरणों की धूल तुम लगाते आए हो अपने माथे पर? क्या तुमनें उसे कभी लाड किया ? क्या तुमने कभी उसे डांट दिया है गुस्से में? क्या है तुम्हारे लिए , तुम्हारे जीवन मे एक माँ का महत्व ? क्या माँ वही है जिसने जन्म दिया या वो भी है जिसने पूरा भार सम्भाल रखा है इस संसार का ? ©मिन्टू/@tumharashahar

ऐसा क्यों लगता है ?

जीवन का सम्पूर्ण रस, ज्ञान इसमे ही निहित है बस एक नज़र जो देख ले तो ऐसे पागल हो जाते है जैसे कोई ख़ोया चीज़ मिल गया हो.. लेकिन ये गलत है, बेमानी है मगर क्या इसके बिना कोई रह पाया है प्रेम के बिना, स्त्री के बिना ? नही न... तभी तो ये सब मोह माया है, बंधन है , जाल है, यहाँ से चल चलो कही दूर जहाँ पहाड़ हो, झरने हो, तलाब हो, पेड़-पौधे हो, जहाँ हम अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके कंकड़ मार कर उस तालाब में, बात कर सके पेड़ो से, झरनों से तुम्हे क्या लगता है ?  ©मिन्टू/@tumharashahar