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पिता

  पिता वो लहजा है जिससे ढलता, गढ़ता  परिवार है लिखने की शक्ति, जीने का सबक बतियाने का ढंग और विचार हैं सारी ऋणात्कमता एक तरफ पिता की सहानुभूति एक तरफ जिंदगी को पढ़ने, सीखने और लड़ने का सबक एक तरफ, तो एक तरफ विश्वास  स्थापित करने का जरिया, न जाने कितने ही सीढियां चढ़े लड़खड़ाते हुए फिर , उनका हौसला एक तरफ, एक तरफ तंज समाज का तो एक तरफ प्यार पिता का, एक तरफ जवानी तो एक तरफ बुढ़ापे की लाठी, सारे मसले एक तरफ तो पिता का ज्ञान एक तरफ एक तरफ  अकेले खड़ा रहने की शक्ति तो एक तरफ सूखे आंखों में पानी । Insta -(ram_chourasia) पिता by hare ram chourasia

गर्भ में

 Pic-@pinterest  मैं पृथ्वी हूँ मेरे कोर में समाया है गुस्से के रूप में ज्वालामुखी मेरे कोख में पल रहा है हरयाली जो आने वाले समय में देगा "कोहिनूर" सा फल एक स्त्री के रूप में जिसको हर पड़ाव पर  लांघा जाएगा किसी पुरुष, महिला या किसी सरकारी तंत्र के योजना के तहत  तब मैं लड़ते रहूंगी छुईमुई की तरह  ढोंगी समाज से, अपने परिजन से अपने पति से.. पति वो जिसको हमने माना है  "परमेश्वर " लेकिन क्या परमेश्वर से लड़कर मैं  पाप का भागीदार बन सकती हूँ ? शायद "हां" परंतु ध्यान रहें समय और धैर्य के आगे  अपने बचाव के लिए किया गया कार्य पाप नही होता वो अलगाव और बचाओ का एक जरिया है जिसपर पैर रख मैं स्वर्गलोक तक पहुंच पाऊँगी । @tumharashahar0

देवालय

 Pic-self click किसान की मेहनत, पसीने से सींचे  मिट्टी से बने, कलाकृतियों से सजे देवालय सा घर  जिसमें वास करती है देवी-देवता जिसे चढ़ता है पूंडरी जलते है दीपक  रात के समय चाँद की उपस्थिति में आँगन होती रौशन... बटोरने खुशियां  कभी लौट आना शहरों से तुम उस गाँव की तरफ जहां वास करती है आज भी संस्कृति, पवित्रता, अध्यात्म निश्च्छल प्रेम घर आँगन में । @tumharashahar0

माँ

माँ- क्या मां वही है जिसने जन्म दिया ? या इस धरती की हर माँ, सबके लिए माँ है ? या यूं कहूँ जिसने अपने ऊपर पूरा संसार का भार ले रखा है वो माँ है माँ की कोई परिभाषा है क्या ? क्या मां किसी एक तक सीमित है ? माँ का प्यार अनन्त है क्या मां के पास  कोई दूर दृष्टि होती है जिस से वो आने वाले समय तक को भी देख लेती है? क्या माँ के चरणों की धूल तुम लगाते आए हो अपने माथे पर? क्या तुमनें उसे कभी लाड किया ? क्या तुमने कभी उसे डांट दिया है गुस्से में? क्या है तुम्हारे लिए , तुम्हारे जीवन मे एक माँ का महत्व ? क्या माँ वही है जिसने जन्म दिया या वो भी है जिसने पूरा भार सम्भाल रखा है इस संसार का ? ©मिन्टू/@tumharashahar