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फ़रवरी 24, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मेरा देह मिट्टी है

मेरा देह मिट्टी है मेरा देह, मिट्टी है  यहां की सरकार कुदाल, फावड़ा ,खुरपी , ट्रेक्टर  हर बार नई फसल की रोपाई, कटाई के बीच फायदे नुकसान का सौदा तय करती है  मैं जब त्रस्त ,सुखाड़ से हो जाता हूँ तो बस आसमान ही ओर देखता रह जाता हूँ अपने नग्न आंखों से, न तो आँसू गिरते है, न दाँते चियारता हूँ बस इंतज़ार में रहता हूँ कि मेरी हालात देख  आसमां कब रोयेगा । क्या आपके लिए भी कोई रोया है जब आप सुखाड़ से त्रस्त हो तब ? @tumharashahar0 Pic credit- @pinterest